इन्कलाब झिंदाबाद

देख़ो देश में कैसी फांसीवाद की ये हवा चली,


मुर्दे बोल उठे है और ये बोलते कोई गवाह नहीँ


क्यों निर्दोषो की जाने; यु ही बस बेवजह गयी


सरकार मुक खड़ी है जैसे मुँह मे इनके जुबाँ नहीँ


सांप्रदायिक झड़प, आग कही तो धुँवा कही


सियासती खेल है सब नागरिकों के जान से जुवां सही


हुवा वोही ; पीट रहे हैं देश के युवा सभी


पर हम भगतसिंग के साथी है मिल कर लाएंगे सुबह नयी


सत्यवादी बलि चढ़ते, खुले घुमते है हत्यारे


शहीद हुए दाभोलकर कलबुर्गी और पानसरे


इस हैवानियत के मंज़र के बस दर्शक है हम सारे


भगवान को दिल में जगह नही क्या मंदीर और गुरूद्वारे


गुरु सारे मानते गौहत्या करना पाप् है


पर धर्म के नाम पे वोही करते देखो कत्लेआम है


जानवर से डरना क्या जब नरभक्षक इंसान है


मरचुका इंसाफ है, इक लाश है , अखलाख है


फांसीवाद के खिलाफ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद ।


मिलकर बोलो एक साथ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद ।


जातिवाद के खिलाफ, इन्क़लाब जिंदाबाद ।


मिलकर बोलो एक साथ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद /1/


हंगामा क्यों इतना आमिर खान के बयान पे


कोई इन नेताओं के भाषणों पे भी तो ध्यान दे


क्या साहित्यकारों का अवार्ड लौटना था बस खामखाँ


जब लिखने की आज़ादी ना तो पुरस्कार किस काम का


ये संघी बगल में छुरी रखते मुह पे नाम राम का


डिग्री की हम क्या बात करे इनकी बुद्धि भी है लापता


धार्मिक मतभेद तो वोटबैंक की जमापूंजी है


क्या BJP क्या MIM सब का मकसद बस कुर्सी है


घर मे ही कैसी वापसी, झूठा ये लव जिहाद है


बांटो ओर राज करो ये अंग्रेजो का इतिहास है


कौन देश के साथ है नेता करते अब फैसले


देश भक्ति दिखती यहाँ सिर्फ क्रिकेट के मैच में


रणबीर सेना बजरंग दल सब गुंडों की टोली है


बढ़ावा मिलेगा इनको जब तक संसद में ढोंगी है


संघ परिवार ढोंगी है ये घर घर की कहानी है


थोड़ा एक्शन और ड्रामा है आखिर संघ में भी बहुरानी है


फांसीवाद के खिलाफ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद ।


मिलकर बोलो एक साथ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद /2/


जातिवाद के खिलाफ, इन्क़लाब जिंदाबाद ।


मिलकर बोलो एक साथ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद /2/


रोहित के हत्यारे अप्पा और दत्तात्रय है


कन्हैया उम्र से सिर्फ छात्र नही ये देश हित के विचार है


डॉक्टरेड वीडियो यहाँ बनते मुख समाचार है


सरकार को जिनसे खतरा उनपे लगाती सिडिशन चार्ज है


दंगे तो त्यौहार है पर मुज़्ज़फरनगर बाकी है


अफजल अगर आतंकी तो असीमानंद क्या राष्ट्रवादी है


फांसीवाद के गुलाम हम, होना अब हमें मुक्त है


हिंदुस्तान असहिष्णु नहीँ ,असहिष्णुता हिंदुत्व है


फांसीवाद के खिलाफ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद ।


मिलकर बोलो एक साथ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद ।


जातिवाद के खिलाफ, इन्क़लाब जिंदाबाद ।


मिलकर बोलो एक साथ, इन्क़लाब ज़िंदाबाद ।।3।।


By shaikspear

https://envinayak.wordpress.com/2017/05/09/%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a5%98%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ac-%e0%a5%9b%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6/

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